प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना
प्रारम्भ -
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17
सितम्बर 2023
परिचय
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77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारत के माननीय प्रधानमंत्री ने इस योजना
की घोषणा की।
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इस योजना के तहत परंपरागत कार्यों में आधुनिक
संसाधनों के प्रयोग को बल देना है।
उद्देश्य
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कारीगरों
और शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता, पैमाने
और पहुँच में सुधार करना है।
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बुनकरों, सुनारों लोहारों, कपड़े धोने वाले श्रमिकों का आर्थिक सशक्तिकरण करना है।
अनुमानित बजट
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16
अगस्त 2023 को 13 हजार
करोड़ की लागत से इस योजना को केन्द्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दी।
प्रावधान
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योग्य आवेदकों को 3 लाख
तक का लोन अधिकतम 5 प्रतिशत सालाना ब्याज दर पर उपलब्ध कराया
जाएगा।
अन्य बिन्दु
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इस योजना के तहत 18
पारंपरिक व्यवसाय शामिल है।
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लोन दो चरणों में प्राप्त है। पहले चरण में एक
लाख तथा दूसरे चरण में 2 लाख तक प्रदान किया जाएगा।
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इस योजना के तहत कौशल विकास प्रशिक्षण, टूलकिट
लाभ, डिजिटल लेनदेन के लिए इसेटिव और मार्केटिंग सपोर्ट
मिलेगा।
प्रभाव
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यह योजना असंगठित अर्थव्यवस्था को आर्थिक बल व
कुशल श्रम प्रदान करेगी।
अनुमानित लाभार्थी
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30
लाख पारंपरिक कारीगर।
18 पारंपरिक व्यवसाय इस
प्रकार है
1.
कारपेंटर (बढ़ई)
2.
नाव बनाने वाले
3.
अस्त्र बनाने वाले
4.
ताला बनाने वाले
5.
लोहार
6.
सुनार
7.
कुम्हार
8.
मूर्तिकार
9.
मोची
10.
राज मिस्त्री
11.
नाई
12.
मालाकार
13.
धोबी
14.
दर्जी
15.
हथौड़ा निर्माता
16.
डलिया,चटाई, वाले
17.
खिलौने बनाने वाले।
18.
मछली का जाल बनाने वाले।
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